जालंधर, 25 मार्च (Live 24 India) :- बोर्ड कक्षाओं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं के रिजल्ट शनिवार को ज्योति पब्लिक स्कूल की और से जारी कर दिए गए हैं। ज्योति पब्लिक स्कूल अमन नगर में 6th,7th, 8th और 9 कक्षा का परिणाम घोषित किया गया। स्कूल का परिणाम शत-प्रतिशत रहा।
6वीं Class : Ananya Ist, Anjali 2nd, Aditya Thakur 3rd रहा । 7वीं Class : Ramanjot Ist, Akshara 2nd, Rani 3rd रहीं ।
9 वीं कक्षा में Kanishka Ist , Girisha 2nd, Ishmeet 2nd, Kashish 3rd रहीं ।
SSC (part-1) : Muskan (Arts) Chanpreet (Commerce
इस मौके पर स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती मधु लूथरा उप्पल ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर प्रिंसिपल मधु उप्पल ने विद्यार्थियों को इनाम देकर उनको प्रोत्साहित किया।
जालंधर नगर निगम के 85 वार्ड हो गए हैं। वीरवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में 80 वार्डों पर मंजूरी दी है। जालंधर कैंट हलके में 4 नए वार्ड बढ़ें हैं, जबकि जालंधर सैंट्रल हलके में 1 नया वार्ड जुड़ा है। कुल पांच वार्ड बढ़ने से अब जालंधर नगर निगम 85 वार्ड का हो गया हैं।
जल्द इसकी नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगी। डिलिमिटेशन बोर्ड की बैठक में आज आम आदमी पार्टी का कोई भी विधायक हाजिर नहीं था। जबकि कांग्रेस के विधायक परगट सिंह और बावा हैनरी ने मीटिंग में हिस्सा लिया। आम आदमी पार्टी की तरफ से नेता मंगल सिंह मीटिंग में जरूर मौजूद थे। बताया जा रहा है कि बोर्ड की बैठक में 85 वार्डों में चुनाव करवाने का फैसला हुआ है।
बैठक में आप विधायक रमन अरोड़ा और शीतल अंगुराल नहीं शामिल हुए, लेकिन सूत्रों अनुसारइन विधायकों द्वारा बनाई गई वार्डबंदी ही फाइनल हुई है।
ढिल्लवां , 25 मई (live24india.com) :- ढिल्लवां के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आंखों की जांच और उपचार के लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर डॉ. राजविंदर कौर, सिविल सर्जन कपूरथला, डॉ. गुरदयाल सिंह, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढिल्लवां, जसविंदर सिंह, संदीप सिंह नेत्र रोग विशेषज्ञ व डॉ. गौरव स्कूल की स्वास्थ्य टीम ने बच्चों को आंखों की बीमारियों के प्रति जागरूक किया और आंखों की जांच भी कराई।
कुल 210 बच्चों का चेकअप किया गया। जिनमें से 25 बच्चे दृष्टिबाधित पाए गए। जरूरतमंद मरीजों को दवाएं दी गईं। इस समय डॉ. प्रीतम दास मेडिकल ऑफिसर डेंटल, बिक्रमजीत सिंह ब्लॉक एक्सटेंशन एजुकेटर, प्रिंसिपल अमरीक सिंह, अंजू बाला सहित स्टाफ मौजूद रहा।
जालंधर, 23 मई (live24india.com) :- पंजाब जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से पुष्पा गुजराल साइंस सिटी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस वर्ष के विश्व जैव विविधता समारोह का विषय है “जैव विविधता को बहाल करना: अग्ग्रिमेंट से कार्रवाई तक”। साइंस सिटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम पूरी तरह से जैव विविधता के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित था।
इस अवसर पर उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए साइंस सिटी के निदेशक डॉ. राजेश ग्रोवर ने इस बार अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाने की थीम पर जोर देते हुए कहा कि अब हमें जैविक विविधता के महत्व तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि मानवता द्वारा अपने हितों के लिए किए गए नुकसान की भरपाई के लिए रचनात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जैविक विविधता के संरक्षण के लिए शब्दों को मजबूत इरादों के साथ कार्यों में बदलने की जरूरत है, तभी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित प्राकृतिक दुनिया सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने साइंस सिटी में जैव विविधता की प्रचुरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि साइंस सिटी जैव विविधता की दृष्टि से एक समृद्ध संस्थान है, यहां 168 प्रजातियों और 155 जेनेरा के 5500 से अधिक पेड़ हैं।
इसके अलावा, पंजाब में कई उच्च शिक्षा संस्थान साइंस सिटी को पर्यावरण के अनुकूल संस्थानों के रूप में मान्यता देते हैं। इस वजह से, छात्रों के लिए अनिवार्य शिक्षा के रूप में साइंस सिटी का फील्ड दौरा करने के लिए “पर्यावरण अध्ययन*” पर उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा रचनात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी इन संगठनों के साथ मिलकर पृथ्वी पर जीवन की बहाली के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र को प्राथमिकता देने के बारे में लोगों को जागरूक और जागरूक बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान एवं पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर रैनू भारद्वाज उपस्थित थे. उन्होंने छात्रों को बताया कि ग्लोबल वार्मिंग और बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण पौधों और जानवरों की प्रजातियों को सबसे अधिक खतरा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की 10 प्रतिशत पौधों की प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।
इसके अलावा, पिछले दशकों में 150 औषधीय जड़ी-बूटियाँ गायब हो गई हैं और 10 प्रतिशत फलों के पेड़, 20 प्रतिशत स्तनधारी और 5 प्रतिशत पक्षियों के विलुप्त होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्या से निपटने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने चाहिए। ऐसी शिक्षा, जागरूकता और कड़ी मेहनत से ही पर्यावरण में बदलाव लाया जा सकता है और इस प्रकार हम अपने बच्चों को एक बेहतर प्राकृतिक दुनिया दे सकते हैं जो हमें अपने माता-पिता से मिली है।