ढिलावां, 2 दिसंबर (live24india): राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढिलवां में विश्व एड्स दिवस मनाया गया। डॉ. गुरिंदर बीर कौर, सिविल सर्जन, कपूरथला और डॉ. गुरदयाल सिंह, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ढिलवां के निर्देशन में विश्व एड्स दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जानकारी देते हुए बिक्रमजीत सिंह व मोनिका ब्लॉक एक्सटेंशन एडुकेटर ने कहा कि एचआईवी जिसे ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस संक्रमण कहा जाता है, यह एक ऐसी बीमारी है जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करती है जो इसे मानव रोगों से बचाती है. होली करने से होली इसे नष्ट कर देती है, जिससे यह रोग गंभीर रूप धारण करते हुए एड्स का रूप धारण कर लेता है।
उन्होंने बताया कि एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति इसे दूसरों में फैलाना शुरू कर देता है, जिससे यह बीमारी एक से दूसरे में फैलने लगती है क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को भी इस बीमारी के लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते हैं. इस बीमारी की चपेट में आ गया है। असुरक्षित यौन संबंध एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इस बीमारी के संचरण का मुख्य कारण है और सबसे अधिक लोग इससे प्रभावित होते हैं, इसके बाद दूषित सीरिंज (सुई) और मां से बच्चे में संचरण होता है। इसके लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लगातार शरीर के वजन में कमी, त्वचा में सूजन और खुजली, लगातार दस्त, भूख न लगना, सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, मुंह और जीभ पर सफेद धब्बे और लसीका ग्रंथियों में सूजन आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
एचआईवी वायरस रक्त या अन्य तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और अब तक चार प्रकार के तरल पदार्थों की पहचान की गई है जिनके माध्यम से यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, वे हैं रक्त, पुरुष के शुक्राणु, महिला के शुक्राणु। और एक महिला के स्तन का दूध। उन्होंने कहा कि अभी तक एड्स का कोई निश्चित इलाज संभव नहीं हो पाया है, मरीज को लंबे समय तक जीवित रखने की दवाएं ही उपलब्ध हैं, इसलिए इस बीमारी के बारे में जानकारी ही इससे बचाव का एक मात्र उपाय है.लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं जिन्हें सही करने की जरूरत जानकारी।
उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखने योग्य बात है कि इस बीमारी का आसानी से निदान नहीं होता, इसमें काफी समय लगता है, एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, केवल रोगी को अधिक समय तक जीवित रखने का प्रयास किया जा सकता है, यह किसी के द्वारा किया जा सकता है। छूने, हाथ मिलाने, खड़े होने, खाने, पीने, गले मिलने और मच्छर के काटने से नहीं फैलता है। इस मौके पर पलक अरोड़ा और तजिंदर कौर ने भी एड्स के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर प्राचार्या अंजू ने विद्यार्थियों से कहा कि सही जानकारी प्राप्त करना और उसे आगे साझा करना हमारा धर्म और कर्तव्य है।
इस मौके पर बलकार सिंह एसआई, सीएचओ हरदीप कौर व स्कूल स्टाफ मौजूद रहा।