सीचेवाल (जालंधर), 27 मई (Live 24 India):- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के पानी और पर्यावरण बचाने के लिए लोक लहर शुरु करने का न्योता दिया है। यहाँ शुक्रवार को संत अवतार सिंह जी की 34वीं बरसी के मौके पर करवाए गए समारोह में भाग लेने पहुँचे मुख्यमंत्री ने राज्य में भूजल के तेज़ी से गिरते स्तर और पर्यावरण के प्रदूषण पर गहरी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि पंजाब का एकमात्र दुर्लभ और बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन पानी को बचाने और पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए तत्काल ज़रुरी कदम उठाने की ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि अकेली सरकार यह काम नहीं कर सकती, बल्कि लोगों की हिस्सेदारी अनिवार्य है, जिससे ख़ास तौर पर वैश्विक स्तर पर तापमान के बढऩे के मद्देनजऱ इस संसाधन की अहमीयत के बारे में अवगत करवाने के लिए व्यापक लोक लहर बनाई जाए।
राज्य को हरा-भरा बनाने एवं प्रदूषण मुक्त करने के लिए कोशिशें तेज़ करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई
सीचेवाल में संत अवतार सिंह जी को श्रद्धाँजलि भेंट
पानी के तेज़ी से घटते स्तर के कारण पैदा हो रही स्थिति की गंभीरता पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ तक भूजल का सम्बन्ध है, राज्य के लगभग सभी ब्लॉक ‘डार्क ज़ोन’ में हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह जानकर बेहद दुख हुआ है कि दुबई और अन्य अरब मुल्कों में तेल निकालने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मोटरों की अब पंजाब में भूजल निकालने के लिए प्रयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही वाले रुझान को तत्काल रोकने की ज़रूरत है जिससे हमारी आने वाली नसलें पानी के लिए तरसने के लिए मजबूर ना हों।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिशें कर रही है कि भूजल के प्रयोग को घटाया और धरती के अतिरिक्त पानी का सही प्रयोग सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य सरकार ने धान की सीधी बुवाई के लिए वित्तीय सहायता देने की योजना शुरू की है, जिस कारण राज्य में 20 लाख एकड़ में धान की सीधी बिजाई होने की आशा है, जिससे पानी की बचत होगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का ध्यान गेहूँ और धान के फ़सलीय चक्र से हटाने के लिए मूँग की दाल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की एक और पहल की है, जिससे फ़सलीय विभिन्नता के द्वारा पानी की बचत हो।
और ज्यादा जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब को हरा-भरा बनाने एवं प्रदूषण मुक्त करने और पानी बचाने के लिए राज्य सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा उठाए गए मुद्दे पर भगवंत मान ने कहा कि गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे से गाद हटाने का मसला वह केंद्रीय रेलवे मंत्री के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पुल के नीचे गाद जमा होने के कारण थोड़े-थोड़े समय के बाद आने वाली बाढ़ लोगों के जान-माल के लिए बड़ा ख़तरा बन रहे हैं।
गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता, माता धरत महत’ का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे महान गुरूओं ने हवा को गुरू, पानी को पिता और धरती को माँ का दर्जा दिया है। हम इन तीनों को ही नुकसान पहुँचा कर अपने गुरूओं को धोखा दिया है। भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया कि राज्य की पुरातन शान को बहाल करने के लिए हम गुरबानी की शिक्षाओं को लाजि़मी तौर पर अपने जीवन में अपनाएं।
संत अवतार सिंह को श्रद्धाँजलि भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए दिए गए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि संत अवतार सिंह जी महान धार्मिक नेता और समाज सुधारक थे। भगवंत मान ने कहा कि वह बहुत भाग्य वाले हैं कि उनको इस प्रोगाम में शामिल होने का मौका मिला।
संत बलबीर सिंह सीचेवाल की बेमिसाल सेवाओं की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा जी ने अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए एक नयी क्रांति का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि संत सीचेवाल रहते समय तक हमारे लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। भगवंत मान ने संत सीचेवाल को इसी मिशनरी भावना से यह महान कार्य जारी रखने की अपील की।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने निर्मल कुटिया में पौधा भी लगाया
इस समय मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ए. वेणु प्रसाद, डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी, डी.आई.जी. एस भूपति, एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा और अन्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान विधायक बलकार सिंह, विधायक रमन अरोड़ा, विधायक शीतल अंगूराल, पूर्व मंत्री जोगिन्दर सिंह मान, महिला विंग की प्रधान राजविन्दर कौर थियाड़ा, आप नेता सज्जण सिंह चीमा, रतन सिंह ककड़ कलाँ, दिनेश ढल और अन्य उपस्थित थे।
कपूरथला, 5 जुलाई (live24india) -: पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से वन महोत्सव के दौरान “व्यापारिक महत्ता बारे िचकित्सक व खुशबूदार पौधों तक पहुंच व संभावनाएं’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य भर के 80 के करीब विद्यार्थियों ने भाग लिया।
साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने बताया कि जंगलों की दृष्टि से भारत का नाम दुनिया के 10 विशाल जंगली विभिन्नता वाले चोटी के देशों में आता है और जंगलों को बचाने के लिए जीव जन्तुओं को बचाना बेहद जरुरी है। वन महोत्सव मनाने का उद्देश्य आलमी तपिश से बचने के लिए लोगों को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की तरफ प्रेरित करना है और साइंस सिटी इस तरफ हमेशा यत्नशील रहा है। यहां जैविक विभिन्नता को दर्शातें हर्बल व दवाईयां जड़ी बूटियों के गार्डन बनाए गए है। इनके अलावा साइंस सिटी में पंजाब के पुरातन सभ्याचारक को दर्शातें 5500 के करीब वृक्ष भी लगाए गए है। जोकि आसपास पर्यावरण प्रदूषण मुक्त करने में अहम रोल अदा करते है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से कई प्रयत्न किए जा रहे है, ताकि पंजाब को जंगलों ks अंतर्गत क्षेत्र रकबा 6.12 फीसदी बढ़ा कर 15 फीसदी किया जा सके। इसके साथ ही कुदरत की संभाल के साथ-साथ जैविक विभिन्नता के स्त्रोतों की भी संभाल की जा रही है। क्योंकि यह स्त्रोत भविष्य की बहुत सी दवाईयों के स्त्रोत है। इसके अलावा राज्य में दुर्लभ व लुप्त हो रहे जीव जन्तुओं बारे लोगों को जागरुक करने के प्रयत्न किए जा रहे है। साइंस सिटी में जैविक विभिन्नत की संभाल व हरे भरे पंजाब की महत्ता को दर्शाती तंदरुस्त मिशन पंजाब की एक गैलरी भी बनाई गई है।
वेबिनार दौरान नौनी सोलन में स्थित बागवानी व जंगलात वाई एस.परमार यूनिर्वसिटी के जंगलात कालेज के प्रभारी प्रोफैसर मीनू सूद मुख्य प्रवक्ता के तौर पर उपस्थित हुई। डा.सूद ने हमारी सेहत व तंदरुस्ती के लिए चिकित्सक जड़ी बूटियां व खुशबूदार पौधों क महत्ता पर विशेष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सक जड़ी बूिटयों के रिवायती व मानवीय नस्लों के ईलाज के लिए लंबे समय से दवाईयां विश्व स्तर पर की जा रही है। खुशबूदार पौधे जहां महक व स्वाद के लिए उगाए जाते है, वहं साथ ही साथ इनका प्रयोग बीमारियों के ईलाज के लिए भी किया जाता है।
खुशबूदार रसायण वृक्षों की जड़े, लकड़ी, पत्ते, फल, फूल, बीज व अन्य हिस्सों में मौजूद होता है। जिस तरह चिकित्सक व खुशबूदार पौधों को मान्यता दी जा रही है। भविष्य में यह बहुत अहम भूमिका निभाएंगे। कोविड महामारी के दौरान खुशबूदार व चिकित्सक पौधे जैसे कि अदरक, पुदीना, लाइम के वृक्ष, हरी चाय व उड़ीहिंदी आदि के सेवन में 76 फीसदी बढ़ौतरी दर्ज की गई है।
ढिलवां, 5 जुलाई (live24india) : सिविल सर्जन कपूरथला डॉ. गुरिंदरबीर कौर और डॉ. रणदीप सिंह के आदेशानुसार जिला टीकाकरण अधिकारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जसविंदर कुमारी के कुशल मार्गदर्शन में प्रखंड ढिलवां के विभिन्न गांवों में आशा कार्यकर्ताओं ने माता-पिता को डायरिया के प्रति जागरूक किया और उन्हें ओआरएस के पैकेट बांटे.
डायरिया की रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बांटे जा रहे ओआरएस-डॉ. जसविंदर कुमारी
एचओ रोजाना टीकाकरण के दौरान डायरिया के लक्षणों के बारे में रोगियों और अभिभावकों में जागरूकता भी बढ़ा रहा है. ताकि लोगों में डायरिया के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके और डायरिया की रोकथाम की जा सके। दस्त के मुख्य लक्षण जैसे मल जैसा स्राव, दिन में बार-बार मल त्याग, बुखार, पेट में दर्द, मल में खून आना आदि। तत्काल नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे की जांच कराने का आग्रह किया। उन्होंने अभिभावकों को ओआरएस बनाने का तरीका भी बताया।
बच्चों को समझाएं कि रोजाना अच्छी तरह से हाथ कैसे धोएं। जिसके अनुसार पहले हाथ सीधे धोएं, फिर उल्टा करें, फिर बीच में, अंगूठे में, फिर नाव को हथेली पर रखें और अंत में कलाई को धो लें। इस तरह से हाथ धोने से न सिर्फ हाथ साफ रहेंगे बल्कि बच्चे भी बीमारियों से दूर रहेंगे।
कपूरथला, 15 जून (live24india) -: पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से “प्राकृतिक फोटो ग्राफी दिवस’ पर प्राकृतिक प्रति आम लोगों में जागरुकता पैदा करने के लक्ष्य से प्राकृतिक फोटो ग्राफी पर एक प्रदर्शनी लगाई गई। इस मौके प्रसिद्ध फोटो ग्राफर कर्मवीर सिंह संधू और सर्बजीत सिंह पंधेर की ओर से प्राकृतिक नजारों की फोटो का प्रदर्शन किया गया।
प्राकृतिक की सांभ संभाल और सुरक्षा के लिए फोटो ग्राफी सबसे अच्छा साधन
इस मौके संबोधित करते हुए साइंस सिटी की डायरैक्टर जनरल डा. नीलिमा जेरथ ने कहा कि प्राकृतिक फोटो ग्राफी दिवस हर वर्ष 15 जून को प्राकृतिक नजारों को उत्साहित करने, पौधों व जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए फोटो ग्राफी द्वारा खींची गई तस्वीरे कैसे सहायक हो सकती है के प्रति जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि फोटो ग्राफी एक ऐसी सुंदर कला है जो रोजाना उस दुनिया के नजदीक से दर्शन करवाती है जहां हम रहते है। उन्होंने कहा कि कैमरों के लैंसो के साथ ली गई तस्वीरे प्रतिदिन प्राकृतिक नजारों को कैद करने में हमारी मदद करती है और विश्व फोटो ग्राफी दिवस दुनिया को पहले से नजदीक होकर देखने और फिर अपनी यादों को कैमरों में कैद करके रखने का संदेश देता है।
प्रसिद्ध फोटो ग्राफर कर्मवीर सिंह संधू ने तितली की विभिन्न प्रजातियों की फोटो खींचने के तजुर्बे सांझे करते कहा कि प्राकृतिक की हरेक याद को संभालने के लिए प्राकृतिक फोटो ग्राफी एक शक्तिशाली साधन है। उन्होंने कहा कि लाकडाऊन ने धरती के खत्म हो रहे स्रोतो को सृजित करने में बहुत बहम भूिमका निभाई है। लाकडाऊन के दौरान प्रदूषण और शोर शराबे में आई गिरावट के कारण देश भर में कई स्थानों पर तितलीयों की जनसंख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
इस मौके साइंस सिटी के डायरैक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने कहा कि प्राकृतिक की कायनात बहुत सारे सुंदर नजारों और उत्सुकता के साथ भरी हुई है। इसलिए जितना संभव हो प्राकृतिक के नजदीक जाना बहुत जरुरी है। प्राकृतिक के सबसे नजदीक होने के तरीको में सबसे अहम इसको कैमरे में कैद करना है।